Tuesday, November 7, 2017

बिटकॉइन (Bitcoin) से आप घर बेटे कमाई कीजिये - Earn Money From Bitcoin In Hindi

eran money


Hi! दोस्तों , स्वागत है आपका सब का हमारे ब्लॉग पर जो आपके लिए आज लाया है बिटकॉइन (Bitcoin) की जानकारी l बिटकॉइन (Bitcoin) होता क्या है और यह काम केसे करता है l बिटकोइन की हिस्ट्री (History) क्या है?  इसकी शुरुआत कहा से हुई थी ? इन सब की इनफार्मेशन (Information) हम अपने पहले वाले आर्टिकल में दे चुके है l
आर्टिकल को Read के लिए यहाँ क्लिक कीजिये -  क्या आप बिटकौइन (bitcoin) के बारे में जानते है?

इस आर्टिकल में में आपको बताऊंगा बिटकॉइन (Bitcoin) से आप पेसे (Money) केसे कमा सकते हो l

How Can Eran Money From Bitcoin In Hindi -

ऑनलाइन Online पैंसे (Money) कमाना सबका सपना होता है और आजकल सबसे ज्यादा क्रेज ऑनलाइन पैंसे कमाने का ही है l ऑनलाइन Money कमाने (earn) के कई तरीके है जेसे गूगल (Google),Affiliate Programs,YouTube etc. बिटकॉइन भी ऑनलाइन कमाई में तेजी से उभरा है और आजकल बहुत लोकप्रिय हो रहा है l
Bitcoin से पैसे कमाने के लिए जिस चीज़ की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है वो है बिटकॉइन का प्लेटफार्म platform और कई ऐसी Google Applications और Websites है जो यह प्लेटफार्म प्रोवाइड करवाती है l

Best Bitcoin Wallet Apps for Bitcoin Earning -  

Zebpay, Coinbase,Uncoin,Coinsecure Etc.

बिटकोइन (Bitcoin) से रूपये केसे कमाए ( How to earn money from Bitcoin ) In Hindi Article - 
Bitcoin से रूपये कमाने के लिए चाहिए इन्टरनेट का कनेक्शन और स्मार्टफोन जिसमे होनी चाहिए कोई सी भी बिटकोइन (Bitcoin) वॉलेट (Wallet) App l
सबसे ज्यादा पोपुलर बिटकोइन वॉलेट (Bitcoin Wallet) इंडिया में Zebpay है तो सबसे पहले इसे इनस्टॉल कीजिये l
हां आप वेबसाइट के जरिये भी बिटकोइन वॉलेट पर कार्य कर सकते है l 


money


इसे केसे उपयोग करते है इसको आप इस Example  के जरिये आसानी से समझ सकते है - How to Use Bitcoin Wallet App Like Zebpay In Hindi -
  1. मोबाइल पर Bitcoin का कोई भी वॉलेट की एप्प इनस्टॉल (App Install) कीजिये और इसे ओपन करे l
  2.  वहा जाकर आपको wallet का अकाउंट Create करना है जहा आपसे बेसिक जानकारी डालनी है जेसे की आपका नाम, ईमेल एड्रेस (Email Address) और पासवर्ड l 
  3. Account बनने के बाद आपको पेमेंट इनफार्मेशन (Payment Information) देनी होती है जेसे की आपके बैंक अकाउंट नंबर (Bank Account Number) और बैंक का नाम l इसके अलावा पेन कार्ड (Pen Card) नंबर भी आपको देने होते है l
  4. अब आपका अकाउंट पूरी तरीके से बन चूका है , अब आपको करना होगा एक जरुरी कार्य और वो कार्य है बिटकॉइन खरीदना (Purchase) l बिटकॉइन खरीदने के लिए आपको bitcoin Buy करना होगा और वो आप ऑनलाइन ट्रान्सफर online transfer या डेबिट ,क्रेडिट कार्ड के जरिये कर सकते है l यह bitcoin खरीदने के बाद आपके बिटकोइन वॉलेट में उतनी राशी के Bitcoin add हो जाते है l
Some Of Information About Bitcoin In Hindi - 
  • आपकी जानकारी के लिए में बता दू की पूरी दुनिया में केवल 1 करोड़ ही बिटकॉइन Bitcoin है और बिटकोइन की कीमत रोज Up - Down होती रहती है और इसी से होता है बिज़नस l 
  • जब आपको लगे की बिटकोइन (Bitcoin) की कीमत कम हो गयी है तब आप उसे ख़रीदे और जब बिटकॉइन (Bitcoin) की कीमत आपकी खरीदी गयी कीमत से ज्यादा हो जाए तब आप उसे बेच दे l  इससे आप काफी पेंसा कमा सकते है l
  • जेसे ही bitcoin की कीमत बढेगी आपके वॉलेट की राशी भी बढ जायेगी और उस मनी को आप Withdrawal याने की निकाल सकते है l यह राशी आपके बैंक अकाउंट में ट्रान्सफर हो जायेगी l
  • बिटकोइन (Bitcoin) वॉलेट पता (Wallet Address) - यह आपका Bitcoin एड्रेस होता जिसके द्वारा आप लेन देन करते है l
सबसे ज्यादा पोपुलर बिटकॉइन वॉलेट App इंडिया में Zebpay है और इस पर आप वॉलेट बना सकते है l Zebpay Bitcoin वॉलेट पर रजिस्ट्रेशन करेने के लिए यह referral कोड इस्तेमाल कीजिये - REF32188500
App को डाउनलोड करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करे - Zebpay Bitcoin App

तो दोस्तों आपको यह पोस्ट केसी लगी हमे कमेंट बॉक्स में जरुर लिखे...


Tuesday, May 9, 2017

टेक एजुकेशन - मोबाइल गेम्स के क्षेत्र में बनाये अपना कैरियर


हाल ही के वर्षों में मोबाइल गेम्स के क्षेत्र में बूम आया है। जैसे जैसे स्मार्टफोन्स की संख्या बढ़ रही है,वैसे वैसे मोबाइल्स में खेले जाने वाले गेम्स में भी बढ़ोतरी हुई है।आज मोबाइल्स गेम्स ने दुनिया को दीवाना बना रखा है। कैंडी क्रश,टेम्पल रन, एंग्री बर्ड्स जैसे गेम्स करोड़ो लोगो की पसंद बने हुए है। आपको तो याद ही होगा कि पोकेमोन गो नामक मोबाइल गेम कितना ज्यादा पसंद किया गया था।
यूज़र्स की पसंद के मुताबिक और करंट ट्रेंड के अनुसार मोबाइल गेम बनाये जा रहे है। जैसे जैसे टेक्नोलॉजी विकसित हो रही है,वैसे ही डिमांड है।

मोबाइल गेम्स के क्षेत्र में कैरियर - 

इस क्षेत्र में कैरियर की बहुत अच्छी सम्भावना है। मोबाइल गेम्स developers की सख्त आवश्यकता को महसूस किया जा रहा है। इस क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए आपको JAVA, C, C++ और 2डी और 3डी गेम developing तकनीक का अच्छा खासा ज्ञान होना चाहिए।
मोबाइल गेम्स developing के क्षेत्र में अलग  अलग तरह के रोजगार है। रोजगार का चुनाव अपने रुझान और काबिलियत को देखकर करना चाहिए।

तो आइए दोस्तो इस क्षेत्र के कुछ रोजगार के बारे में बात करते है- 

मोबाइल और कंप्यूटर गेम Developer -

इसमें कंप्यूटर गेम या ऑडियो वीडियो प्रोड्यूसर का रोजगार अवसर है।
इसमें कैरियर बनाने के लिए कंप्यूटर की अच्छी समझ के साथ डिजाइनिंग और 2D,3D मोडयूलिंग सॉफ्टवेयर की जानकारी होना आवश्यक है।
साउंड इंजीनियरिंग,कम्प्यूटर लैंग्वेज जैसे C++ की नॉलेज होनी चाहिए।

एनिमेटर का क्षेत्र - 

एनिमेटर किसी भी गेम के कार्टून करैक्टरस के हर पहलु पर कार्य करते है।
एनिमेटर का मुख्य कार्य किसी भी कार्टून कैरेक्टर को विकसित करना होता है।
कैरेक्टर किस तरह दिखेगा,उसकी भावनाएं किस तरह दिखेगी,यह सब निर्धारित करना एनिमेटर का काम होता है।
इस क्षेत्र में कार्य करने के लिए एनिमेटर को 2D और 3D मोडयूलिंग का बहुत अच्छा ज्ञान होना जरूरी है।
कार्टून कैरेक्टर्स के 2D और 3D मैप तैयार करने में महारत होनी चाहिए,तभी वो एक अच्छा कार्टून करैक्टर create कर पाता है।

गेम डिज़ाइनर - 

किसी भी नए गेम की कल्पना गेम डिज़ाइनर ही करता है। कम्प्यूटर या मोबाइल गेम्स developing की शुरुआत गेम डिज़ाइनर करता है।
गेम डिज़ाइनर का कार्य गेम की मौलिक परिकल्पना का करना होता है। गेम किस तरह का होगा और किस पर आधारित होगा,यह सोचने और करने का काम गेम डिज़ाइनर का होता है।
गेम के कैरेक्टर्स क्या काम करेंगे और कैसे काम करेंगे ,यह कार्य गेम developer का होता है।

ग्रापिक और ऑडियो प्रोग्रामर -

ग्राफिक और ऑडियो के बिना कोई भी गेम अधूरा होता है।
इनका कार्य गेम की बैकग्राउंड साउंड और ग्राफिक तैयार करना होता है। गेम की खूबसूरती और उसकी रोचकता इनके कार्य पर डिपेंड होती है।
ग्राफिक प्रोग्रामर को C,C++,ओपन जीएल,3D पैकेज,विंडो प्रोग्रामिंग और डायरेक्ट एक्स की अच्छी खासी जानकारी होनी चाहिए। गेम में स्पेशल इफ़ेक्ट पैदा करने की जिम्मेदारी ग्राफिक प्रोग्रामर की है।
गेम developing में skills की बहुत आवश्यकता होती है। टीम वर्क भी बहुत मायने रखता है।

मोबाइल गेमिंग के क्षेत्र में उपलब्ध जॉब्स -

गेम डिज़ाइनर,गेम प्रोग्रामर,एनिमेटर,ऑडियो एंड ग्राफ़िक्स प्रोग्रामर,नेटवर्क प्रोग्रामर,गेम प्रोग्रामर जैसे जॉब्स मोबाइल गेमिंग के क्षेत्र में उपलब्ध है।
यह क्षेत्र बढ़ते हुए रोजगार का क्षेत्र है,जहाँ रोजगार की काफी संभावनाएं बड़ी है। परंतु यह क्षेत्र केवल उनके लिए है जो इसके लिए पैशन रखते है।
इन जॉब्स के लिए योग्यता का मापदंड बेहतर स्किल्स का होना होता है।आपकी डिग्री और डिप्लोमा उतना आपके लिए सफल सिद्ध नही होगा ,जितना आपकी स्किल्स होगी। देश मे कई ऐसे इंस्टिट्यूट है जो इस क्षेत्र का डिग्री,डिप्लोमा या सर्टिफिकेट देते है।
लेकिन इस क्षेत्र में सक्सेस के लिए आपका अनुभव और काबिलियत महत्वपूर्ण है।

Wednesday, April 5, 2017

कार को फोल्ड किया और रख लिया सूटकेस में ... जानिये केसे

folding

कार वो भी सूटकेस में। ताज्जुब हो रहा होगा ना। दिमाग भी चकरा गया होगा की कोई कार भी सूटकेस में आ सकती है। सूटकेस तो कपडे रखने के लिए होता है तो क्या सूटकेस में कोई कार भी आ सकती है? जी हां हम सच कह रहे है। अमेरिका में एक ऐसी ही कार का निर्माण हुआ है। यह कार आसानी से फोल्ड की जा सकती है,यह साइज में दूसरी कारो से छोटी होती है।
यह कार केवल 35 किलोग्राम की है और इसमें एक आदमी बैठ सकता है। यह फोल्डिंग कार खुलने पर 3.25 फुट लम्बी हो जाती है। पार्किंग की समस्या से निजात मिलती है। यह कार उन लोगो के लिए है जो ज्यादातर समय ट्रैवेल करते है।
  • दुनिया की सबसे छोटी कार 4.1 फुट लंबी ,2.1 फुट चौड़ी और 2.1 फुट ऊँची है। 
  • इस कार को अमेरिका के ऑस्टिन कोलसन ने बनाया है। 
  • यह कार गिनीज बुक में सबसे छोटी कार के रूप में दर्ज है। यह फोल्डिंग कार 60 किलोमीटर प्रति घण्टे की रफ़्तार से दौड़ती है।
दक्षिण कोरिया के वैज्ञानिकों ने फोल्डिंग वाली इलेक्ट्रिक कार बनाई है। जो स्मार्टफोन से कनेक्ट रहती है और स्मार्टफोन के एक क्लिक पर फोल्ड हो जाती है।
folding carवैज्ञानिको ने इसका नाम अर्माडिलो टी रखा है।
  • इस कार में एक छोटा डिजिटल कैमरा लगाया गया है जो पीछे और दाए बाए स्क्रीन पर देखने में हेल्प करता है। 
  • इस कार की वास्तविक लंबाई 2.8 मीटर है। इस कार की स्पीड 60 किलोमीटर प्रति घण्टा है और यह 2 सीटर कार है।

लन्दन के लुइ बोर्सा ने एक कार बनाई थी जिसका वजन मात्र 9 किलोग्राम था जो 25 किलोमीटर प्रति घण्टे की गति से चलती थी।
भारत के जयपुर शहर निवासी पीयूष अग्रवाल ने भी इसी तरह की एक कार बनाई है। पियूष ने ऐसी फोल्डिंग कार बनाई है जो ट्रैफिक जाम में से आसानी से निकल आती है।
  • इस कार का वजन 50 किलोग्राम है । पियूष अब इसको और मॉडिफाइड कर रहे है जिससे इसका वजन और कम हो जायेगा।
  • इस कार में 12 वोल्ट की 4 बैटरीयां उपयोग की गई है।
  • एक बार चार्ज करने पर कार 80 किलोमीटर का सफर तय करती है।
पियूष को इस कार को बनाने का आईडिया तब आया जब वो बार बार जयपुर के ट्रैफिक जाम में फँस जाते थे। पियूष राजस्थान इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के छात्र थे।

भारत के इस युवा ने अपने सपनो की उड़ान भरी और अपनी मेहनत और लगन से अपने सपनो को साकार किया। भारत के ये युवा देश का भविष्य बना रहे है और इनकी मेहनत और सोच देखकर लगता है की भारत का भविष्य उज्जवल है।

Tuesday, April 4, 2017

रोबोटिक इंजीनियरिंग में बनाये अपना कैरियर

engineering


आज का जमाना एडवांस्ड टेक्नोलॉजी का है। तकनीक में नए आयाम स्थापित किये जा रहे है। एडवांस्ड टेक्नोलॉजी का एक उदाहरण है: रोबोट।
रोबोट टेक्नोलॉजी में लगातार तेजी से विस्तार हो रहा है। आज मानव के द्वारा किये जाने वाले कई कार्य रोबोट के द्वारा किये जा रहे है। मेडिकल साइंस ,स्पेस टेक्नोलॉजी,इंडस्ट्रीज जैसे फ़ील्ड्स में रोबोट्स का बहुतयात उपयोग किया जा रहा है। कई जटिल ऑपरेशन्स रोबोट्स की मदद से सफल हुए है।
वर्तमान में रोबॉटिक्स को इंजीनियरिंग में एक पूर्ण ब्रांच के रूप में पढ़ाया जा रहा है। देश और दुनिया की कई यूनिवर्सिटी रोबोटिक्स में इंजीनियरिंग करवा रही है।
रोबोटिक्स में कई संस्थान और यूनिवर्सिटी डिप्लोमा,ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन का कोर्स करवाते है।

रोबोटिक्स इंजीनियरिंग में क्या पढ़ाया जाता है-


  • रोबोटिक इंजीनियरिंग में रोबोट के साइंस के बारे में पढ़ाया जाता है। इंजीनियरिंग की अन्य ब्रांच से यह ज्यादा कठिन होती है।

  • रोबोटिक इंजीनियरिंग के छात्र मैकेनिकल इंजीनियरिंग,कंप्यूटर इंजीनियरिंग,इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग जैसी ब्रांचों का सिलेबस पढ़ते है।

  • इसके साथ ही रोबोट का डिजाईन, निर्माण और प्रोसेस की स्टडी भी करवाई जाती है।

  • रोबोटिक टेक्नोलॉजी का मुख्य मकसद यह है कि ऐसी मशीन्स का निर्माण करना जो मनुष्य की तरह व्यवहार करे और ऐसे कार्य करवाना जो मनुष्य के लिए मुश्किल हो।

रोबोटिक इंजीनियरिंग के लिए योग्यता -

रोबोटिक इंजीनियरिंग में प्रवेश लेने के लिए 10+2 पास होना जरुरी है और साथ ही आपका 12th में विषय मैथ साइंस होना आवश्यक है। इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए एंट्रेस एग्जाम देना भी अनिवार्य है क्योंकि बिना प्रवेश एग्जाम दिए इंजीनियरिंग में दाखिला नहीं मिलता है।  इंजीनियरिंग में एडमिशन के लिए JE Main एग्जाम होता है।
पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स में एडमिशन के लिए ग्रेजुएशन के बाद एंट्रेस एग्जाम देना होता है। पोस्ट ग्रेजुएशन में प्रवेश के लिए GATE ( ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग) एग्जाम देता पड़ता है।

रोबॉटिक इंजीनियरिंग कॉलेज भारत में -

भारत में कई विश्वविद्यालय रोबोटिक्स इंजीनियरिंग का पाठ्यक्रम चला रहे है।
1.  IIT मुंबई,खडकपुर,चेन्नई,दिल्ली और कानपुर
2. अपैक्स ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स,जयपुर
3. सेंचुरियन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट,गाजापट्टी,ओडिशा
4. देवभूमि ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशन्स,सहारनपुर,उत्तर प्रदेश
5. चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी,मोहाली
6. एएमसी इंजीनियरिंग कॉलेज,बेंगलुरु 
7. बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी 

विदेश के विश्विद्यालय -

1. कारनीजिक मैलन विश्वविद्यालय,पिट्सबर्ग,पेनसिल्वेनिया
2. यूनिवर्सिटी ऑफ जॉर्जिया,एन्थेस,जॉर्जिया
3. यूनिवर्सिटी ऑफ सर्दन कैलिफोर्निया,लॉस एंजेलिस,कैलिफोर्निया
4. वाशिंगटन यूनिवर्सिटी,सेन्ट लुइस मिसौरी

रोबोटिक्स में जॉब -

कई बड़ी इंडस्ट्रीज में रोबोट का उपयोग होता है ,वहा जॉब्स की भरमार है। नौकरी पाना वैसे तो बहुत मुश्किल टास्क होता है लेकिन रोबोटिक इंजीनियर के क्षेत्र में जॉब्स की अपार सम्भावना है।
विदेश में रोबोटिक इंजीनियर की बहुत ज्यादा मांग है।
तो दोस्तों अगर आप इंजीनियरिंग करना चाहते है तो रोबोटिक्स आपके लिए एक अच्छी चॉइस हो सकती है।

Sunday, March 19, 2017

जानिये गूगल की सेल्फ ड्राइविंग कार के बारे में

google car

गूगल टेक्नोलॉजी में नए आयाम स्थापित कर रहा है। दुनिया में नए इनोवेशन का समय चल रहा है। गूगल ने अपनी एक नई टेक्नोलॉजी का परीक्षण किया है। यह टेक्नोलॉजी है बिना ड्राइवर की कार। जी हां आपने सही सुना ,हम बात करने जा रहे है ऐसी कार के बारे में जो बिना ड्राइवर के चलेगी। गूगल ने इसकी टेस्टिंग भी कर ली है। बहुत जल्द यह आम लोगो के लिए उपलब्ध होगी।
गूगल की इस सेफ ड्राइविंग कार के प्रोजेक्ट हेड क्रिस उमर्सन के मुताबिक यह कार बहुत जल्द सड़कों पर दौड़ती मिलेगी।
गूगल ऐसी तकनीक विकसित करने में लगा है जिससे बिना स्टीयरिंग और ड्राइवर के कई किलोमीटर तक का सफर बिना किसी रुकावट के कर सकते है आप कार के कंप्यूटर में अपना गंतव्य स्थान,रफ़्तार आदि पहले से ही फीड कर सकते है। 
गूगल के इस सॉफ्टवेयर को गूगल सोफर नाम दिया गया है। इस तकनीक को सेल्फ ड्राइविंग कार तकनीक की संज्ञा दी गयी है। इस कार में स्टीयरिंग,रेस पैडल,ब्रेक जैसी कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है। 2009 में गूगल ने अपने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी। 2013 में गूगल ने अपनी पहली ड्राइवर रहित कार दुनिया के सामने प्रेजेंट की थी। इसे रोबो टैक्सी का नाम दिया गया था।
गूगल ने इस तकनीक की टेस्टिंग 10 कारो के साथ की थी। इन कारो में टोयोटा,ऑडी और लेक्सस जैसी ब्रांड कारे थी। ये कारे नक़्शे के हिसाब से चलती थी। इनकी रफ़्तार ट्रैफिक के अनुसार होती थी। कार में लगे सेंसर, कार को दूसरी कारो से समान दुरी पर चलाते है।

गूगल की यह कार केसी होगी -

  • गूगल की यह कार 2 सीटर है। इसमें न तो स्टीयरिंग व्हील है और न ही रेस पैडल है।
  • इसमें ब्रेक भी नहीं दिए गये है। इसमें कण्ट्रोल कैमरा,लेसर स्केनर भी दिए गये है।
  • कार का आगे का हिस्सा फोम मेटेरियल से तैयार किया गया है जिससे पैसेंजर को सेफ्टी रहे। कार में जीपीएस सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक सेंसर भी लगे हुए है जो कार को ट्रैक करते है।
  • कार के कंप्यूटर में प्रॉसेसर लगा हुआ है जो डाटा को रीड करता है और प्रोसेस करता है। डाटा के अनुसार कार को चलाता हैं।
  • इसमें एक मैप भी लगा हुआ होता है जो एक्यूरेट मैपिंग करता है। यह कार 25 मील प्रति घण्टा की रफ़्तार से चलती है।
  • कार को इस तरीके से बनाया गया है कि पैसेंजर को कम झटके लगे और आरामदायक यात्रा हो।
  • इसमें इस तरीके का सिस्टम है कि अगर कभी स्टीयरिंग सिस्टम फेल हो जाता है तो इमरजेंसी स्टोप बटन दबा कर कार रोकी जा सकती है।
  • गाडी को स्टार्ट करने के लिए स्टार्ट बटन होता है और रोकने के लिए लाल रंग का स्टॉप बटन होता है।
  • कार का कण्ट्रोल एक स्मार्टफोन के जरिये होता है। पैसेंजर के सामने एक स्क्रीन होती है जिस पर मौसम की जानकारी, रोड मैप और गाडी की रफ़्तार देखी जाती है।
  • यह कार ट्रैफिक में भी आसानी से ऑटो ड्राइव की जा सकती है।
यह कार आने वाले कुछ सालों में आम जन के लिए उपलब्ध होगी।

हमारा यह आर्टिकल आपको केसा लगा ,हमे जरूर बताइयेगा और भी ऐसे महत्वपूर्ण आर्टिकल्स के लिए हमे फॉलो करें।

Saturday, March 18, 2017

थायरोकेयर टेक्‍नॉलोजी के सीईओ अरोकियास्‍वामी वेलुमनी के संघर्ष की कहानी

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"गरीब होना एक अभिशाप नही बल्कि एक वरदान है, क्योकि गरीबी आपको दुनिया की किसी भी मुसीबत से लड़ने के लिए तैयार करती है"। ये कहना है थायरोकेयर टेक्‍नॉलोजी ( Thyrocare Technology ) के फाउंडर और सीईओ अरोकियास्‍वामी वेलुमनी ( Arokiaswamy Velumani ) का। 

वेलुमनी का जन्म एक गरीब किसान के परिवार में हुआ था जहाँ उन्हें दो वक़्त की रोटी तक भी नसीब नही होती थी, लेकिन आज वो 3300 करोड़ रुपये की कंपनी के मालिक है। उनकी कंपनी ने आज देश के 1000 शहरो में 1200 से ज्यादा फ्रैंचाइजी खोल दी है। 

तो दोस्तों आइये जानते है वेलुमनी के संघर्ष की कहानी-


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ए. वेलुमनी का जन्‍म तमिलनाडु के कोयंबटूर के एक गांव में हुआ था। घर पर गरीबी के कारण उन्हें दो वक़्त की रोटी भी नसीब न‍ही होती थी। इसी कारण वेलुमनी का स्कुल में पढ़ाई से ज़्यादा ध्यान मिड डे मील पर रहता था। 
वेलुमनी पढाई के लिए  6 किलोमीटर पैदल चलकर स्‍कूल जाते थे। वेलुमनी के घरवाले उन्हें पढ़ाई छोड़कर घर चलाने के लिए कुछ काम करने के लिए कहते थे लेकिन वेलुमनी कुछ अलग करना चाहते थे। घर में पैसों के इतने कमी थी कि जब वेलुमनी ने केमेस्ट्री से ग्रैजुएट किया, तो कॉलेज का एक ग्रुप फोटो खरीदने के लिए उनके पास दो रुपए तक नहीं थे। इतनी प्रॉब्लम होने के बाद भी वेलुमनी ने अपनी पढ़ाई कभी नही छोड़ी और हर पल संघर्ष करते रहे। 
ग्रैजुएशन के बाद उन्‍होंने कम से कम 60 कंपनियों में नौकरी के लिए इंटरव्‍यू दिए, लेकिन हर जगह उनके हाथ असफलता लगी फिर भी वेलुमनी ने हार नही मानी और 60 से ज्‍यादा कंपनियों में इंटरव्‍यू में फेल होने के बाद एक कैप्‍सूल बनाने वाली कंपनी में उनकी नौकरी लगी। यहां उन्‍होंने 150 रुपए सैलरी पर काम किया। लेकिन कुछ समय बाद उन्‍होंने यह नौकरी भी छोड़ दी और निकल पड़े मुंबई की और।

 जब ए. वेलुमनी मुंबई पहुंचे, तो उन्‍हें कई दिनों तक मेहनत करने के बाद भी कोई नौकरी नहीं मिली। लेकिन वो कहते है ना कि "जो मेहनत करते है उनके लिए कुछ भी असंभव नही"  और आखिरकार उन्‍हें भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर (बीएआरसी) में गजेटेड ऑफिसर की नौकरी मिल गई।

इसी दौरान उनकी शादी भी हो गई, वेलुमनी जी की पत्‍नी भी बैंक में सरकारी नौकरी करती थी। भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर में सभी तरह की सुविधाएं मिलते थी, यह काफी आराम का जॉब था। लेकिन एक कहावत है "कंफर्ट जोन डेंजर जोन" होता है। जहाँ आपको कुछ नया और चुनौतीपूर्ण काम करने को नही मिले, तो आपका निकलना ही बेहतर option है। 

वेलुमनी ने भी यही किया। एक दिन उन्‍होंने किसी को बिना बताए यह जॉब छोड़ दी। जब उन्‍होंने अपनी पत्‍नी को जॉब छोड़ने और नया बिजनेस शुरू करने के बारे में बताया तो उनकी पत्‍नी ने भी उनका साथ देने के लिए नौकरी छोड़ दी।
velumi tech

इस तरह शुरुआत हुई थायरोकेयर टेक्‍नॉलोजी की। वेलुमनी जी ने 150 स्‍क्‍वायर फुट का गैराज किराए पर लिया और 1 लाख के निवेश से एक लैब शुरू की। केमेस्ट्री से ग्रैजुएट होने और अपनी मेहनत से वेलुमनी जी ने लैब को एक नया आयाम दिया। जो लैब 150 स्‍क्‍वायर फुट का गैराज से शुरू हुई थी उसका हेडक्‍वार्टर आज 4 लाख स्‍क्‍वायर फुट में फैला हुआ है। थायरोकेयर टेक्‍नॉलोजी के नाम से रजिस्टर होने के बाद पहले ही दिन कंपनी ने 35 करोड़ का कारोबार किया। आज कंपनी के भारत में लगभग 1200 आउटलेट है। और यह कंपनी 1000 से भी ज्यादा शहरो में काम कर रही है।
वेलुमनी जी की कुछ बाते हो आपको जाननी चाहिए -

  • एक काम पर ही फोकस करो, दूसरों से अलग काम करने की कोशिश करो। आपको सफलता जरूर मिलेगी। 
  • वेलुमनी जी कहते है कि अगर आप करोड़ों कमाना चाहते है, तो लाखों का नुकसान उठाने के लिये तैयार रहो। 
  • अगर कोई रिस्‍क उठाना चाहते हो तो उठालो, क्‍योंकि जिस टॉपिक पर चर्चा शुरू हो जाती है, वह काम कभी नही हो पाता। 
  • इन्‍वेस्‍ट ज्यादा करो और खर्चा कम।
  • वेलुमनी जी के संघर्ष और मेहनत पर हमारा यह आर्टिकल केसा लगा ,हमे जरुर बताइयेगा ,,,,,,



Friday, March 17, 2017

टेक्नोलॉजी - क्या आपने देखा है श्याओमी का स्मार्ट शूज ?



आप स्मार्टफोन के बारे में जानते है और इसको इस्तेमाल भी करते है। आप स्मार्ट वॉच भी जानते होंगे। लेकिन क्या आपने स्मार्ट शूज के बारे में सुना है। हैल्थ और फिटनेस के लिए इन शूज को स्पेशली डिजाईन किया गया है।
हाल ही में स्मार्टफोन मेकर चीनी कंपनी श्याओमी ने अपने मीडिया ब्रांड के तहत स्मार्ट शूज लांच किया है इनका नाम 90 मिनट अल्ट्रा स्मार्ट स्पोर्टवियर रखा गया है। इस शूज में Intel Curie नाम की चिप लगी लगी हुई है जो रियल टाइम फिटनेस डाटा स्टोर करती है।


  • ये शूज प्रोफेशनल रनर्स के लिए खास तौर पर डिजाईन किये गए है।        
  • इन शूज के सोल को एंटी स्किडवियर के साथ डिजाईन किया गया है।
  • इसमें एयर कुशंस और एंटी बेक्टिरिया इनसोल भी लगा हुआ है।
  • शूज में लगी हुई इंटेल चिप के जरिये आपके कदमो की नापी हुई दूरी,कैलोरी खपत,रफ़्तार आदि को ट्रैक करता है।
  • एक बार चार्ज करने पर यह चिप 90 दिनों तक काम करती है।
  • यह शूज काले,नीले और गुलाबी कलर में आते है।
  • श्याओमी ने अपने इस स्मार्ट शूज की प्राइस 2 हजार 884 रुपये रखी है।
बहुत जल्द यह स्मार्ट शूज बिक्री के लिए ऑनलाइन उपलब्ध होंगे।

वाटर एटीएम : एक नयी सोच तकनीक के साथ - What is Water ATM Hindi Article

water atm in hindi

Introduction About Water ATM In Hindi

ATM कही पर पर भी किसी भी समय नगद निकासी की एक उत्तम व्यवस्था है। एटीएम एक ऐसी सुविधा है जो लोगो को 24*7 नकद रुपये देता है। क्या आपने Water ATM के बारे में सुना है? नहीं ! तो चलिए हम आपको बताते है वाटर एटीएम के बारे में।
ये ATM मनी की जगह वाटर उपलब्ध कराते है। स्वच्छ और शीतल पानी इन वाटर एटीएम पर उपलब्ध होता है। ये वाटर एटीएम वाटर बूथ कहलाते है। जैसे की मिल्क बूथ होते है जो दूध उपलब्ध कराते है और ये वाटर बूथ पानी उपलब्ध कराते है। ये वाटर बूथ दिखने में एटीएम की तरह होते है,इसलिए इन्हें वाटर एटीएम भी कहा जाता है।
Delhi और kolkata जैसे बड़े शहरों में यह व्यवस्था शुरूकी गई थी। आज राजस्थान,गुजरात जैसे राज्यो में भी कई जगह वाटर एटीएम लगा दिए गए है।
शुद्ध पानी प्रत्येक इंसान के लिए जरुरी होता है। निम्न वर्ग के लोगो को शुद्ध पानी सप्लाई का यह उत्तम तरीका है। बड़े शहरों में पानी की सप्लाई टेंकरो आदि के द्वारा की जाती है लेकिन टेंकरो द्वारा उपलब्ध पानी शुद्ध नहीं होता है। यह पानी कई बीमारियों का कारण बनता है। वाटर बूथ शुद्ध पानी लोगो को उपलब्ध कराते है। इन वाटर बूथ पर वाटर purifier लगा होता है जो पानी को शुद्ध करता है।

वाटर एटीएम की शुरुआत कहा और कब हुई - 

लाखो लोगो को शुद्ध पानी उपलब्ध कराने वाले वाटर बूथ की शुरुआत 2008 में हुई थी।
पीरामल फाउंडेशन के सैल्स हैड धर्मवीर सिंह ने इसकी शुरुआत की थी। सर्वजल अभियान के तहत वाटर एटीएम की मुहिम शुरू की गई थी।

वाटर एटीएम कैसे कार्य करता है - How Water ATM Works In Hindi

what is water atm

  • वाटर एटीएम को कही पर भी स्थापित किया जा सकता है।
  • यह एक Box होता है जो RO सिस्टम से जुड़ा हुआ होता है।
  • RO के जरिये पानी को Process करके शुद्ध किया जाता है और फिर Pipeline के जरिये पानी Metal Box में पहुँचता है। मेटल बॉक्स से पानी बोतल में भर लिया जाता है।
  • लोग पानी को 2 तरीके से ले सकते है। पहला तरीका यह है कि आप के पास प्लास्टिक Prepaid Card हो और दूसरा तरीका है नगदी के द्वारा ।
  • Plastic Card एटीएम बूथ लगाने वाली कंपनी अपने ग्राहकों को उपलब्ध कराती है। प्लास्टिक कार्ड के जरिये पानी प्राप्त करने का आसान तरीका है। इसमें कार्ड को बूथ पर लगे सेंसर के सामने रखना होता है।
  • Sensor कार्ड को Read करता है और कार्ड का बैलेन्स बताता है।
  • इसके बाद पानी भरने के लिए कंटेनर रखते है जितना पानी कंटेनर में भरता है उसके हिसाब से कार्ड में से बैलेंस कट जाता है।
  • नगद के द्वारा पानी प्राप्त करने के लिए सिक्के डाले जाते है। एक या दो रुपये के सिक्कों में 1 लीटर तक पानी आ जाता है।
इन वाटर एटीएम की निगरानी कंपनी के ऑफिस में बैठकर आसानी से की जा सकती है। इसके लिए जी एस एम तकनीक का उपयोग करते है।
इस तकनीक का अर्थ है ग्लोबल सिस्टम फॉर मोबाइल Communication. इस तकनीक में एक सॉफ्टवेयर का उपयोग करते है। किसी भी प्रकार की गड़बड़ी होने पर एक संदेश ऑपरेटर के मोबाइल पर पहुँचता है।

वाटर एटीएम के बारे में आपको यह भी जानना चाहिए - Know About Water ATM
  • ज्यादा से ज्यादा 20 लीटर पानी लिया जा सकता है।
  • एक रूपये प्रति लीटर से 2 रूपये प्रति लीटर तक का मूल्य लिया जाता है।
  • प्लास्टिक कार्ड को 150 रूपये की राशि में प्राप्त किया जाता है और इतने में ही रिचार्ज भी कर सकते है।
  • सोर ऊर्जा से चलने वाले वाटर एटीएम भी अस्तित्व में आ चुके है।
आप भी इसको शुरू कर सकते है- How can Start A Business Of Water ATM 
वाटर एटीएम एक व्यापक बिज़नस का रूप ले चुका है। कई कंपनियां इस क्षेत्र में काम कर रही है। पीरामल फाउंडेशन,सर्वजल आदि कंपनियां फ्रेंचाइजी उपलब्ध करवा रही है। आप भी फ्रेंचाइजी लेकर RO प्लांट स्थापित कर सकते है। एक RO प्लांट स्थापित करने में 5 लाख के करीब खर्चा आता है।
जो भी फ्रेंचाइजी लेता है उसको अपनी आय का 40 फीसदी कंपनी को देना होता है लेकिन अगर आप फ्रेंचाइजी का पूरा खर्चा देकर RO मशीन खुद स्थापित करते है तो आपको कंपनी को केवल 20 फीसदी आय देनी होती है।
कंपनी इस आय का उपयोग प्रचार ,तकनीकी सहायता और एटीएम रखरखाव पर करती है।

दोस्तों आपको मेरा यह पोस्ट केसा लगा जरुर बताना .... 

Thursday, March 9, 2017

गौपालन कीजिये और कमाइए लाखो रूपये - Earn Money from Cow Milk In Hindi Article

gaupalan



आजकल विदेशी चीजो की चमक में देशी चीजो का वजूद ख़ो सा गया है। ऐसा ही कुछ भारत की देशी गायों के साथ हुआ है। परन्तु हिंदुस्तान की देशी गाय कमाल की होती है। 
आइये इनके बारे में कुछ बाते जानते है - Information About Desi Cow Milk In Hindi 
आमतौर पर माना जाता है। कि भैस के मुकाबले में देशी गाय कम दूध देती है और अगर गाय देशी हो तो ओर भी कम दूध देती है। हमारे देश में गाय के नाम पर राजनीति होती है। परंतु देशी गायों की सही ढंग से देखभाल नही होती है वो सड़को पर घुमाती रहती है और प्लास्टिक कूड़ा कचरा खाती रहती है। इसी वजह से वो कमजोर हो जाती है और दूध कम देती है। 
यदि उम्दा नस्ल की गायों की सही ढंग से देखभाल हो और उनको पाले, पौस्टिक चारा, खल, दवाइयां इत्यादि समय पर दिया जाय तो उनसे  भेस से भी ज्यादा दूध लिया जा सकता है। 
भारत के कृषि मंत्री खुद मानते है कि भारत में ज्यादातर पशु पालक यह नही देखते की 20 से 25 लीटर दूध देने वाली विदेशी गाय भारत में रहकर मात्र 10 से 12 दूध ही देती है। जर्सी गाय देशी गायों के मुकाबले जल्दी दूध देन बंद कर देती है और उनको ज्यादा चारा और पानी की जरुरत होती है लिहाजा जर्सी गाय का रखरखाव भी देशी गायों के मुकाबले महंगा पड़ता है और उनके दूध की लागत ज्यादा आती है। किसान को उनकी मेहनत का पूरा फायदा नही मिल पाता है। 

देशी गायों की नस्ले - Desi Cow Nasl In Hindi Article 
गिर, लालसिंधी, थारपारकर, राठी, साहीवाल, कंकरेज, ओनगोल, हरियाणा, मालवी, भागनाड़ी, नागौरी, निमाड़ी, पवांर, दज्जल, निलोर, गावलाव और  वेचुर जैसी कुलमिलाकर 39 नस्लो की गाय कृषि मंत्रालय के रिकॉर्ड में दर्ज है। ज्यादातर गुजरात में पाई जाने वाली गिर नस्ल की देशी गाय रोजाना लगभग 62 लीटर दूध देती है। 
देशी गायों के दूध में विटामिन ए2 पाया जाता है जिसके बहुत से फायदे है। 

देशी और विदेशी गायों में अंतर - Difference between Desi Cow and Foreign Cow 
  • देशी गाय के देखभाल में रोज का खर्च करीब 150 रुपये प्रति गाय होता है जबकि विदेशी गाय पर यह करीब 450 रुपये होता है। 
  • देशी गाय के दूध में फैट 6-8 फीसदी होता है जब की विदेशी गाय में मात्र 2 से 3 फीसदी होता है। 
  • देशी गाय अपने जीवनकाल में 10 से 12 बार प्रजनन करती है लेकिन विदेशी गाय सिर्फ 2 से 3 बार प्रजनन करती है। 
  • इसके अलावा देशी गाय के देखभाल करना विदेशी गाय के अपेक्षा ज्यादा आसान है।
भारतीय देशी गायो पर हमारा यह आर्टिकल केसा लगा ,हमे जरुर बताइयेगा 


Wednesday, March 8, 2017

फार्मिंग: पुदीना की खेती के बारे में - Information About Mentha Farming In Hindi


process of mentha farming

भारत में पुदीना यानी मेंथा (Mentha) की पांच प्रजातियां मेंथाल मिंट (Menthol Mint),पिपर मिंट (Peppermint), बरगामाट मिंट (Bergamot mint), गार्डेन मिंट (Gargen Mint) और स्पियर मिंट (spearmint) की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया का लगभग 73 फीसदी Mint का उत्पादन भारत में किया जाता है। जिसमे सबसे ज्यादा हिस्सेदारी उत्तर प्रदेश की है। 
मेंथा प्रजातियों के हरे साग से जल आसवन विधि द्वारा खुशबुदार तेल निकाला जाता है जिसमे सबसे ज्यादा मेंथाल मिंट होती है। तो दोस्तों जानते है मेथा कि खेती के बारे मे-

How can Start Mentha Farming In Hindi Article - 

मेंथा की खेती के लिए मिट्टी कैसी हो - Soil For Mentha Farming

  • Mentha की खेती के लिए अच्छी जल निकास वाली बलुई दोमट मिट्टी के साथ जिसका पीएच 6 से 7.5 हो अच्छी होती है। 
खेत को कैसे तैयार करे - How to prepare Farm for Mentha farming 

  • इस के लिए 2 से 3 बार मिट्टी पलटने वाले कल्टीवेटर (cultivator) से जुताई कर के मिट्टी भूरभरी और समतल बना लेनी चाहिए। 

खाद और उर्वरक का उपयोग - Manure and Fertilizer For Mentha

farming of mentha

  • रोपाई के 4 से 6 सप्ताह पहले 10 से 15 टन गोबर की खाद को अच्छी तरह खेत में मिलाए। 
  • रासायनिक उर्वकों का इस्तेमाल मिट्टी जांच से मिली रिपोर्ट के अनुसार करे। 
  • अच्छी उपज के लिए 150 किलोग्राम नाइट्रोजन, 60 किलोग्राम फास्फ़ोरस, 40 किलोग्राम पोटाश और 20 किलोग्राम जिंक सल्फेट प्रति हेक्टर इस्तेमाल करना चाहिए। 
  • यह ध्यान रखने वाली बात है कि नाइट्रोजन को कुल 3 बार देना है पहली बार खेत के तैयारी के समय, दूसरी बार 35 से 40 दिनों पर और तीसरी 50 से 60 दिनों बाद। 

मेंथा की रोपाई (Transplantation) का समय और विधि - Process for Mentha Farming 

  • तैयार खेत में जब नर्सरी के पोधे 7 से 8 सेमी के हो जाए तो फरवरी और मार्च महीने में रोपाई करे। रोपाई कुछ इस तरह से करे कि पौधें से पौधें की दुरी 15 सेन्टीमीटर हो और लाइन से लाइन की दुरी 50 से 60 सेन्टीमीटर हो। रोपाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई कर दे। 
सिंचाई केसे करे - Method Of Irrigation For Mentha In Hindi


how to process mentha farm
  • मेंथा में सिंचाई का ख़ास ध्यान रखना पड़ता है क्योकि अगर दीमक लगी मिट्टी है तो सिंचाई के अभाव में दीमक सक्रिय हो जाती है। 
  • दूसरी बात नमी काम होने के वजह से फसल ढंग से बढ़ नही पाती। जबकि पानी ज्यादा होने पर मेंथा की दश (साग) में तेल का फीसदी घट जाता है। 
  • पहली सिंचाई रोपाई के तुरंत बाद करनी चाहिये और दूसरी 15 से 20 दिन के बाद या फिर जरूरत के मुताबिक सिंचाई करनी चाहिये। 
  • हर कटाई के बात सिंचाई करनी चाहिये परन्तु कटाई करने के 10 से 15 दिन पहले सिंचाई बंद कर देनी चाहिए। इससे दश में तेल का परसेंट बढ़ जाता है। 
दीमक से केसे बचाव करे - How Tom Prevent Termites In Hindi
  • बलुई मिट्टी में दीमक मेथा कि जड़ो को काट देते है। जिससे पौधा सुख जाता है। इसके रोकथाम के लिए कार्बोफ्यूरोन ग्रेन्युर (Carbofuran) 20 से 24 किलोग्राम प्रति हैक्टर से रोपाई के समय दे और अगर खड़ी फसल में दीमक लग जाये तो 4 से 5 लीटर क्लोरोफायरीपास (Chlorpyrifos) प्रति हैक्टर सिचाई के पानी के साथ दे।
मेंथा में लगने वाले रोग और उनकी रोकथाम केसे करे - Afflictions of Mentha and How to Prevent Them 
  • जड़ गलन - जड़ गलन रोग के प्रकोप से पौधे की जड़े काली पड़ जाती है और जड़ो के ऊपर गुलाबी रंग के धब्बे पड़ जाते है। इस रोग की रोकथाम के लिए रोपाई से पहले इन पोधो के सकर्स को 2 ग्राम काब्रेडाजिम (Carbendazim) का प्रति लीटर पानी के घोल में 15 से 20 डुबो के रखे और उस के बाद 20 मिनिट तक छाया में सुखने दे। 
  • पर्णदाग - इस रोग में पौधे के पत्तियों पर गहरे भूरे रंग के धब्बे पड़ जाते है और बाद में वो पीले होकर गिरने लग जाते हैं इस रोग के रोकथाम के लिए 75 फीसदी वाले मैकोजेब की 2 किलोग्राम मात्रा को 650 से 800 ग्राम पानी में मिलाकर फसल पर छिड़काव करना चाहिए। 
कटाई कब करे - Cutting of Mentha 
  • मेंथा की पहली कटाई 100 से 150 दिन बाद करनी चाहिये और दूसरी कटाई पहली कटाई के 60 से 70 दिन बाद करनी चाहिये कटाई के लिए चमकती और तेज धुप अच्छी रहती है। 
उपज कितनी होती है - How Much Production of Oil From Mentha 
एक अनुमान के अनुसार 2 बार कटाई से प्रति हैक्टर में 220 से 260 लीटर तेल बनता है।

तो दोस्तों मेंथा यानी की पुदीना पर हमारा यह आर्टिकल केसा लगा ,हमे जरुर बताइयेगा और भी असी रोचक और ज्ञान की बातो के लिए हमे फॉलो करे ....